सर्जरी से लेकर LED टीवी में काम आने वाली खोज के लिए मिला इन वैज्ञानिकों को केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार

 विज्ञान में एक नया मील का परिचय: ‘क्वांटम डॉट्स’ और उनका महत्व

चरण बदलने वाले समय के साथ, 4 अक्टूबर को केमिस्ट्री के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज, स्टॉकहोम ने ‘क्वांटम डॉट तकनीक’ की खोज के लिए मौंगी बावेंडी (Moungi Bawendi), लुईस ई ब्रूस (Louis E Brus), और एलेक्सी एकिमोव (Alexei Ekimov) को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया है।

 यह तकनीक नैनोस्केल क्रिस्टल का उपयोग करती है, जो विभिन्न क्षेत्रों में अनुशंसित विज्ञान और उद्योगों में अद्वितीय परिवर्तन लाता है।

क्वांटम डॉट्स नैनोस्केल क्रिस्टल होते हैं, जो इलेक्ट्रॉन्स के परिवहन में मदद करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इन्हें टीवी से लेकर LED लैंप्स में भी इस्तेमाल किया जाता है।

 इनके माध्यम से प्रकाश का संचार किया जाता है और ट्यूमर जैसे टिशू को सर्जरी के द्वारा मरीज के शरीर से निकाला जा सकता है। आने वाले समय में, इनका इस्तेमाल छोटे सेंसर्स, पतले सोलर सेल्स और क्वांटम कम्युनिकेशन की फील्ड में भी किया जा सकेगा।

कौन है ये तीनो वैज्ञानिक

मौंगी बावेंडी अमेरिका की मेसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में प्रोफेसर हैं और उन्होंने क्वांटम डॉट्स के केमिकल प्रोडक्शन में अहम योगदान दिया है।

 उनकी खोज से क्वांटम डॉट्स का उपयोग कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में संभव हो पाया है। लुईस ई ब्रूस न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं और उन्होंने तरल पदार्थ के पार्टिकल्स में क्वांटम इफेक्ट की खोज की थी। एलेक्सी एकिमोव न्यूयॉर्क स्थित नैनोक्रिस्टल टेक्नोलॉजी नाम की कंपनी से जुड़े हैं और उनके रिसर्च का केंद्र है क्वांटम इफेक्ट्स पर।

फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार

इसके पहले, 3 अक्टूबर को रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज, स्टॉकहोम ने फिजिक्स के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण घोषणा की थी। पियरे अगोस्टिनी (Pierre Agostini), फेरेंक क्रॉस्ज़ (Ferenc Krausz) और ऐनी एल’हुइलियर (Anne L’Huillier) को 2023 के फिजिक्स नोबेल (Phisics Nobel) से सम्मानित किया गया था, जिन्होंने प्रकाश (light)की एटोसेकेंड पल्स उत्पन्न करने के लिए इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता का अध्ययन किया था।”

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