वैज्ञानिकों की चेतावनी: धरती पर बढ़ रही है 70 फीट की चट्टान, नासा भी परेशान

 वैज्ञानिकों की चेतावनी: धरती पर बढ़ रही है 70 फीट की चट्टान, नासा भी परेशान

Indian Typing, Utter Pradesh, हाल ही में अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि धरती की तरफ एक 70 फीट का चट्टान तेजी से आ रहा है। इस चट्टान की गति प्रति घंटे 70,000 फीट है, जो बड़ी तेजी से बढ़ रही है। यह चट्टान धरती की ओर प्रवृत्त हो रही है और इसका आकार एक हवाई जहाज के बराबर है।

Asteroid

 

नासा ने इस एस्टरॉयड के बारे में विस्तृत अनुसंधान किया है और हम यहां आपके साथ इस आर्टिकल में उसके बारे में साझा करेंगे और बताएंगे कि नासा ने इस एस्टरॉयड के संबंध में क्या कहा है।

कितना खतरनाक है ये एस्टरॉयड

इसके साथ ही, हाल ही में नासा ने 2016LK49 नामक एक एस्टरॉयड खोजा है जो धरती की तरह तेजी से बढ़ रहा है। इस एस्टरॉयड का आकार लगभग हवाई जहाज के बराबर है और यह 70,000 प्रतिघंटे की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा है। नासा ने बताया है कि 2016LK49 एस्टरॉयड को पहली बार 2016 में देखा गया था, जब यह धरती के नजदीक से गुजरा था।

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धरती और एस्टरॉयड के बीच की दूरी

नासा ने इस एस्टरॉयड के संबंध में और भी कई महत्वपूर्ण तथ्य जारी किए हैं। यह एस्टरॉयड धरती के करीब से गुजरने वाला है, और इसकी दूरी धरती और एस्टरॉयड के बीच लगभग 66 लाख किलोमीटर होगी, जो सबसे करीबी दूरी मानी जाएगी। जब कोई एस्टरॉयड धरती से 75 लाख किलोमीटर की दूरी पर होता है, तो नासा इसे चिंता का विषय मानता है और एलर्ट जारी करता है।

 

नासा द्वारा अब तक लगभग 7 लाख से अधिक एस्टरॉयड खोजे जा चुके हैं, और इनमें से 16,000 से अधिक एस्टरॉयड धरती के निकटतम स्थानों पर मंडरा रहे हैं। नासा इन एस्टरॉयड्स की गतिविधियों और ग्रहों के साथ उनके संबंध में विस्तृत अध्ययन कर रहा है ताकि हम इनके आगंतुकों को सुरक्षित रख सकें और अंतरिक्ष और पृथ्वी की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकें।

 

नासा के वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एस्टरॉयड जैसी बड़ी चट्टान धरती के गतिशील होने वाली परिवर्तनों के कारण तेजी से बढ़ रही है। इस एस्टरॉयड के आकार को तुलना में हवाई जहाज से की जा रही है। यह विशाल चट्टान नासा के वैज्ञानिकों द्वारा पूरी तरह से अध्ययन किया जा रहा है। उनकी रिसर्च से पता चला है कि यह एस्टरॉयड धरती के पास से लगभग 70 हजार प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।

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नासा के वैज्ञानिकों ने 2016LK49 नामक इस एस्टरॉयड को पहली बार 2016 में खोजा था, जब इसकी दूरी धरती के करीब से होगी। इस बार यह धरती के बहुत करीब आएगा और इसकी दूरी धरती और एस्टरॉयड के बीच लगभग 66 लाख किलोमीटर होगी। यह निकटतम दूरी मानी जाएगी। यदि कोई एस्टरॉयड धरती से 75 लाख किलोमीटर की दूरी पर होता है, तो नासा उसे चिंता का विषय मानता है और एलर्ट जारी करता है।

7 लाख से अधिक एस्टरॉयड्स की खोज

नासा द्वारा किये गए अध्ययन के अनुसार, तकरीबन 7 लाख से अधिक एस्टरॉयड्स की खोज हुई है और इनमें से 16,000 से अध

तक एस्टरॉयड्स धरती के आस-पास घूम रहे हैं। यह खोज और अध्ययन मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसे एस्टरॉयड्स धरती के पास आने पर उनकी गतिविधियों और संभावित प्रभावों का अध्ययन करके हम उपयुक्त प्रतिक्रियाएं ले सकते हैं।

इसके साथ ही, इस नई खोज के माध्यम से हम ब्रह्मांड की अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। एस्टरॉयड्स का अध्ययन हमें सौरमंडल की गठन और विकास के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। इससे हमें ब्रह्मांडीय आदि और उसके गतिशीलता के बारे में अधिक ज्ञान प्राप्त होता है।

 

नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के वैज्ञानिक लगातार एस्टरॉयड्स की खोज, मूल्यांकन, और मॉनिटरिंग कर रहे हैं ताकि यदि कोई विपदा या संकट आने की संभावना हो, तो उचित कार्रवाई की जा सके। इससे हमारी सुरक्षा और सुरक्षा के साथ-साथ मानवीय जीवन की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।

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