Nora Fatehi DeepFake Video Ad: नोरा फतेही का डीपफेक वीडियो एक चिंता का विषय है। यह दिखाता है कि डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कितना आसानी से किया जा सकता है। इस तकनीक का इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने, धोखाधड़ी करने, या किसी की छवि को खराब करने के लिए किया जा सकता है।
Nora Fatehi DeepFake Video Ad
नोरा फतेही, जो एक प्रमुख एक्ट्रेस और डांसर हैं, हाल ही में एक नई समस्या का सामना कर रही हैं जब उनका डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। नोरा ने इस घड़ीची का सामना करने के लिए इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि एक वेबसाइट ने उनके डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल करके उनके ब्रांड को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। नोरा ने अपने फैंस से हैरान होकर लिखा, “हैरान हूं!!! यह मैं नहीं हूं!”
Lulumelon का बयान
इस मामले में Lulumelon ने भी एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि यह वीडियो उनकी ओर से बनाया या प्रसारित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि वे इस मामले की जांच कर रहे हैं, और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
इससे पहले भी, कई सितारे डीपफेक वीडियो के शिकार हो चुके हैं, जैसे कि सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में एक मोबाइल एप्लिकेशन को प्रमोट करने के लिए बनाए गए एक DeepFake Video के बारे में बताया था, जिससे वे सोशल मीडिया पर अपनी आपत्ति जता रहे थे।
Deepfake क्या है?
डीपफेक एक तकनीकी शब्द है जिसका अर्थ है ऐसी छवि या रिकॉर्डिंग का उपयोग जिसमें किसी व्यक्ति को कुछ ऐसा करते हुए दिखाया जाता है जो वास्तविकता में हुआ नहीं था। इससे व्यक्ति की छवि को किसी गलत तरीके से प्रभावित किया जा सकता है।
Rashmika mandana के DeepFake video का अपराधी गिरफ्तार
हाल ही में, रश्मिका मंदाना के एक डीपफेक वीडियो के मामले में गिरफ्तार हुए एक व्यक्ति को दिल्ली पुलिस ने बताया है। इस घटना ने समाज में उचितता और गोपनीयता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है, और सरकार ने तत्परता से कड़े नियमों को लागू करने का आश्वासन दिया है।
यह सार्वजनिक रूप से जाना जा रहा है कि इस तकनीकी उन्नति के समय, डीपफेक वीडियो का उपयोग अनैतिक और अवैध कार्यों में हो सकता है, जिससे समाज में गुमराही और आत्मघाता का खतरा बढ़ सकता है। सरकारों को इस चुनौती का सामना करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।
DeepFake एक गंभीर समस्या
डीपफेक वीडियो एक गंभीर समस्या है। इस तकनीक का इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने के लिए किया जा सकता है, जिससे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सरकारों और सोशल मीडिया कंपनियों को इस समस्या से निपटने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
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