UP में बनाने जा रही है देश की सबसे बड़ी आध्यात्मिक लाइब्रेरी, अनुमानित लागत 500 करोड़

 UP में बनाने जा रही है देश की सबसे बड़ी आध्यात्मिक लाइब्रेरी, अनुमानित लागत 500 करोड़

Up news: भारत का सबसे विशाल आध्यात्मिक पुस्तकालय चंपा देवी पार्क में 25 एकड़ में प्रस्तावित विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर परियोजना के तहत स्थापित किया जाएगा। 

गोरखपुर में खुल रही है भारत की सबसे बड़ी आध्यात्मिक लाइब्रेरी

Indian Typing, Utter Pradesh,यह स्थान आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक महत्व के लिए पूरे विश्व में पहचाने जाने वाले गोरखपुर में देश की सबसे विशाल आध्यात्मिक लाइब्रेरी का उद्घाटन होने जा रहा है, और जल्द ही इसका कार्यान्वयन आरंभ होगा।

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना को अनुमति दी है। यह आध्यात्मिक लाइब्रेरी में छात्र-छात्राओं और जनसाधारण को नाथपंथ, भगवान बुद्ध, और संत कबीर के जीवन दर्शन और इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी। यह लाइब्रेरी अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर तैयार की जाएगी। गोरखपुर के चंपा देवी पार्क में स्थित कन्वेंशन सेंटर के निर्माण की प्रक्रिया जल्द ही प्रारंभ होगी।

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गोरखपुर में स्थित चंपा देवी पार्क में विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर परियोजना: भारत का सबसे बड़ा आध्यात्मिक पुस्तकालय

गोरखपुर के चंपा देवी पार्क में उभरते भारत के सबसे विशाल आध्यात्मिक पुस्तकालय के प्रोजेक्ट के अंतर्गत, 25 एकड़ में विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर की स्थापना होने जा रही है।

 इस परियोजना के माध्यम से, यहां आध्यात्मिकता, संस्कृति, और ऐतिहासिक महत्व के लिए अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त किए जाने वाले स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को सम्मोहित किया जाएगा। इसका उद्घाटन जल्द ही होने वाला है और इसके प्रयोजन का शुभारंभ किया जाएगा।

 गोरखपुर के प्रमुख आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्थलों में से एक के रूप में, यह पुस्तकालय छात्र-छात्राओं, शोधकर्ताओं, और साधारण लोगों को आध्यात्मिक साहित्य, धर्मिक प्रतिमाएं, और ऐतिहासिक पाठकों की बोध के लिए व्यापक संसाधन प्रदान करेगा। यह लाइब्रेरी अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप डिजाइन की जाएगी और एक प्रमुख पुस्तकालय के रूप में देश में अपनी पहचान बनाएगी। इस प्रमुख परियोजना की निरमाणी गई है और इसका निर्माण कार्य शीघ्र ही आरंभ होगा। चंपा देवी पार्क में स्थित कन्वेंशन सेंटर यात्रियों को भारतीय आध्यात्मिक विरासत, दिव्यता और शांति के आनंद का अनुभव कराएगा।

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 इस प्रकल्प के अंतर्गत, पर्यटकों को एक विश्वस्तरीय पुस्तकालय और सम्मेलन केंद्र का लाभ मिलेगा, जहां वे आध्यात्मिक ज्ञान, योग, ध्यान और मनोविज्ञान में विशेषज्ञता और आध्यात्मिक पठन-पाठन के माध्यम से अपनी आत्माओं के साथ संवाद कर सकेंगे। गोरखपुर की इस अद्वितीय संरचना से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का नया केंद्र प्रस्थापित होगा और यह शहर आध्यात्मिक प्रतिष्ठा के रूप में उच्चतम मान्यता प्राप्त करेगा। 

विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर ने परियोजना को दी मंजूरी 

 सीएम योगी ने गोरखपुर में आध्यात्मिक पुस्तकालय के लिए विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर परियोजना की मंजूरी दी। गोरखपुर विश्वविद्यालय में नाथ पंथ पर शोध के लिए भी पीठ स्थापित की जाएगी। इस प्रमुख परियोजना के तहत आध्यात्मिक लाइब्रेरी बनाई जाएगी, जहां भारतीय संस्कृति, नाथ पंथ, महात्मा बुद्ध और संत कबीर के बारे में विविध सामग्री उपलब्ध रहेगी। इस लाइब्रेरी में पुस्तकों और डिजिटल सामग्री का उपयोग किया जाएगा।

 जीडीए ने कन्वेंशन सेंटर की डिजाइन तैयार की है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट के तहत गोरखपुर में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किए जा सकेंगे। गोरखपुर कन्वेंशन सेंटर वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के समकक्ष होगा और वहां एक आध्यात्मिक पुस्तकालय भी स्थापित होगा। 

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 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आदेश के साथ गोरखपुर में विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर परियोजना को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस कन्वेंशन सेंटर में विश्वस्तरीय आध्यात्मिक पुस्तकालय की स्थापना होगी, जिसमें भारतीय संस्कृति, ऐतिहासिक महत्व और नाथपंथ के बारे में विविध सामग्री शामिल होगी।

 यह पुस्तकालय अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप डिजाइन की जाएगी और आध्यात्मिक ज्ञान को सभी के लिए पहुंचने का माध्यम बनेगी। इसके साथ ही, गोरखपुर विश्वविद्यालय में भी नाथ पंथ पर शोध के लिए एक पीठ स्थापित की जाएगी, जो युवाओं को ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्वपूर्ण स्थलों के बारे में अध्ययन करने और जानकारी प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगी। इस प्रमुख परियोजना के माध्यम से, गोरखपुर शहर को एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा और इससे यहां की प्रतिष्ठा और पहचान और बढ़ेगी।

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) को इस परियोजना के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का आदेश दिया है। इसके तहत, एक भव्य और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मेलनों के आयोजन की संभावना है, जिससे यहां के पर्यटकों को एक विशेष और उन्नत आयाम का अनुभव मिलेगा।

 गोरखपुर कन्वेंशन सेंटर का निर्माण वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के स्तर तक पहुंचेगा और इसे एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक पुस्तकालय के साथ भी संयुक्त किया जाएगा। इस प्रकल्प के माध्यम से, गोरखपुर शहर को उच्चतम गुणवत्ता के साथ एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगर का रूप दिया जाएगा। 

500 करोड़ रुपए परियोजना की लागत अनुमानित

 गोरखपुर में विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर परियोजना की लागत का आंकलन करीब 500 करोड़ रुपये है। इसके लिए, विशेषज्ञ कंसल्टेंट ने डिजाइन तैयार किया है और अब एक विस्तृत कार्ययोजना विकसित की जा रही है। कन्वेंशन सेंटर के निर्माण में करीब 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

 इस संरचना में, 5000 लोगों के लिए बैठने की व्यापक व्यवस्था होगी और इसे दो अलग-अलग भागों में विभाजित करके 2500 लोगों के लिए भी उपयोग किया जा सकेगा। यह स्थान वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए उपयुक्त होगा और प्रदर्शनी आयोजन के लिए भी उपयोग किया जा सकेगा। कन्वेंशन सेंटर परियोजना के तहत, एक पांच स्टार होटल भी निर्मित होगा। इसके पश्चात, रामगढ़ ताल क्षेत्र में चार पांच स्टार होटलों का निर्माण होगा। अग्रिम रूप से, मैरिएट होटल का निर्माण पूरा हो चुका है और ताज विवांता होटल का निर्माण जल्द ही आरम्भ होगा।

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