67000 करोड़: छापेमारी के दौरान ED ने जब्त किए 67000 करोड़ रुपए, क्या होगा इतने पैसे का जानिए

67000 करोड़: छापेमारी के दौरान ED ने जब्त किए 67000 करोड़ रुपए, क्या होगा इतने पैसे का जानिए

Indian Typing, Utter Pradesh, एक हाई प्रोफाइल केस में ED की छापेमारी के बारे में चर्चा हो रही है। चार्ज लगाया गया है कि ED एक हफ्ते के अंदर बंगाल की ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मु, खर्जी के घर में छापेमारी की जिसमें 50 करोड़ रुपए से अधिक नकदी और 5 किलो से अधिक सोना बरामद किया गया है। छापेमारी के बाद, अर्पिता के घर से बरामद हुए नोटों के ढेर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

______________________________________________

Also Read  

390 करोड़ की रेड, शादी की स्टिकर वाली 100 गाड़ियों में बैठ कर ऑफिसर, छान निकाला करीबन 400 करोड़ का अवैध संपत्ति

____________________________________________

छापेमारी के बाद एजेंसियां नकदी को कहा रखती है?

इस संदर्भ में, आपके मन में शायद सवाल उठता होगा कि इतने पैसों का होने का अर्थ क्या है। वास्तव में, ED, CBI, और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जैसी जांच एजेंसियों को मनी लॉन्ड्रिंग, इनकम टैक्स फ्रॉड, और अन्य आपराधिक गतिविधियों की जांच, पूछताछ, छापेमारी करने और संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार होता है। जब ये एजेंसियां नकदी को जब्त करती हैं, तो उसे अपनी कस्टडी में रखा जाता है और फिर अदालत के आदेश के अनुसार या तो ये नकदी आरोपी को वापस कर दी जाती है या फिर वह सरकार की संपत्ति बन जाती है।

यह सवाल के जवाब के लिए दैनिक भास्कर ने सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता से बातचीत की। विराग ने कहा, “केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे ED, CBI और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को किसी मामले की जांच के लिए छापा मारने का अधिकार होता है।

Also Read सुपरमासिव ब्लैक होल के विलय से निकली गुरुत्व तरंगें की खोजपूर्वक प्रमाणित, वैज्ञानिक ने दी चेतावनी

 इन एजेंसियों को जांच करने का जो अधिकार होता है, उसे दो हिस्सों में बांटा जाता है – पहले, गिरफ्तारी और पूछताछ करने के लिए, और दूसरे, संबंधित सबूतों को इकट्ठा करने के लिए छापेमारी करने के लिए। छापेमारी एक अलग-अलग सूचनाओं पर आधारित होती है, इसलिए एक आरोपी के यहां एक ही बार छापा मारा जाना जरूरी नहीं होता है, बल्कि छापेमारी कई चरणों में हो सकती है।

____________________________________________

Also Read सुपरमासिव ब्लैक होल के विलय से निकली गुरुत्व तरंगें की खोजपूर्वक प्रमाणित, वैज्ञानिक ने दी चेतावनी

____________________________________________

क्या होता है छापेमारी के पैसे का?

जब भी कोई छापेमारी या जब्ती होती है, तो जब्त किए गए सामान पर अंतिम फैसला न्यायिक प्रक्रिया के द्वारा किया जाता है। मामले की शुरुआत होने पर, जब्त किए गए सामान को कोर्ट में सबूत के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। यदि ईडी कोर्ट या किसी अन्य अदालत में जब्ती की कार्रवाई को उचित रूप से साबित नहीं किया जा सकता है, तो संपत्ति संबंधित व्यक्ति को वापस कर दी जाती है। 

जब्ती को अदालत में चुनौती देने पर, यदि अपीलकर्ता जब्त किए गए सामान को कानूनी रूप से साबित करता है, तो उसे जब्त किया गया सामान पूरी तरह से वापस मिल जाता है। कई बार कोर्ट उस व्यक्ति के उपर जिसकी संपत्ति जब्त की गई है, कुछ फाइन लगाकर उसे संपत्ति को वापस करने का भी मौका देती है। 

विराग ने बताया है कि जांच एजेंसियां प्रशासनिक आदेश के अनुसार संपत्ति को जब्त करती हैं और फिर कोर्ट के आदेश के बाद वह संपत्ति सरकार की हो जाती है या जब्त की गई संपत्ति को लौटा दी जाती है।

Indian Typing

Leave a comment