कॉन्स्टेबल पिता के दोनों बेटे अफसर बने, पिता का सीना गर्व से हुआ चौड़ा
Indian Typing, Utter Pradesh, जब यूपी पीसीएस-2019 का परिणाम घोषित हुआ, तब हमारे घर की माहौल में एक बड़ा बदलाव आया। घर में हमारे दो बेटे हैं और दोनों ने पीसीएस में सफलता प्राप्त करके अफसर बन लिया। दोनों भाईयों का चयन यूपीपीसीएस में हो गया था।
मेरे पुत्र मोहित यादव को उपजिलाधिकारी (एसडीएम) के पद के लिए चयनित किया गया और मेरे दूसरे बेटे रोहित को नायब तहसीलदार के लिए चुना गया। इन दोनों भाईयों ने पहली बार यूपीपीसीएस परीक्षा दी थी लेकिन उनका चयन नहीं हुआ था। दूसरी बार परीक्षा देने पर ही उनका चयन हो गया। वाक्यांश का मतलब साफ है कि उन्होंने सफलता की ऊंचाई को हासिल किया है और अब उन्हें महत्वपूर्ण पद सौंपे गए हैं।
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वास्तविकता यह है कि आपने बहुत सारी सफलताओं की कहानियां सुनी होंगी। हालांकि, आज हम आपको दो कॉन्स्टेबल भाईयों की सफलता की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष से अपने परिवार का नाम ऊंचा किया है। एक बेटा एसडीएम बन गया है और दूसरा बेटा नायब तहसीलदार बन गया है। यह कहानी उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही की है, जिसके घर में दो जुड़वा बेटे हैं। इन दोनों भाईयों ने अपने पिता के सपनों को साकार करने के लिए कठिनाईयों का सामना किया है।
फिरोजाबाद के जसराना क्षेत्र के सिंहपुर में निवास करने वाले कांस्टेबल अशोक यादव, मथुरा कोतवाली में तैनात थे और उनका परिवार आगरा में रहता था। अशोक यादव की परिवार में उनकी पत्नी और जुड़वा बेटे मोहित यादव और रोहित यादव शामिल हैं।
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इन दोनों भाईयों की पढ़ाई साथ-साथ हुई है और वे पढ़ाई में दृढ़ता से लगे रहे हैं। हर परीक्षा में उनका साथ रहा है, चाहे वह शिक्षा से संबंधित हो या फिर प्रतियोगी परीक्षा। ये दोनों भाई देहरादून से अपनी आठवीं तक की पढ़ाई की हैं।
उन्होंने अगरा पब्लिक स्कूल से अपनी उच्चतर शिक्षा पूरी की है और वहीं से उन्होंने अपनी 12वीं परीक्षा पास की है। ग्रेजुएशन में दोनों ने बीटेक की पढ़ाई की है और साल 2017 में कानपुर के एचबीटीयू से बीटेक की डिग्री हासिल की है।